जी20 के डिनर में एक विवाद उत्पन्न हुआ है जिसमें भारतीय राष्ट्रपति के आपके सीट का नामकरण विवादित हो गया है। इस मामले पर प्रतिक्रिया देने वाले शरद पवार ने कहा है कि देश का नाम बदलने का अधिकार किसी को नहीं होता है और वो इस मुद्दे पर कठिन से कठिन खड़े होंगे।

शरद पवार ने यह प्रस्तावना उठाई है कि कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे एक बैठक आयोजित करें, जिसमें ‘इंडिया’ गठबंधन के सभी प्रमुखों को शामिल करें। इस गठबंधन में 28 पार्टियां शामिल हैं और यह 2024 के चुनावों के लिए एनडीए के मुकाबले के रूप में उम्मीदवारी कर रहा है। पवार ने कहा कि उन्हें समझ में नहीं आता कि सत्तारूढ़ दल देश के नाम को लेकर क्यों परेशान हैं।

पवार ने इस बयान को संवाददाताओं से बातचीत करते समय कहा, “मुझे इस समय तक कोई जानकारी नहीं है कि संविधान में भारत का नाम कैसे बदला जा सकता है।” वे इसके बावजूद यकीन दिलाते हैं कि किसी भी देश का नाम बदलने का अधिकार किसी को नहीं होता है और यह मामला विचार-विमर्श की आवश्यकता नहीं है।

इस विवाद का आरंभ तब हुआ था जब कांग्रेस ने आलेखिक रूप से आरोप लगाया कि मोदी सरकार राज्यों के संघ पर हमला कर रही है। इस विवाद के चलते जी20 सम्मेलन के डिनर के इनविटेशन में एक त्रुटि आई, जिसमें ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ की जगह ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ लिखा गया था।

इस घटना ने बवाल मचा दिया और इसके परिणामस्वरूप शरद पवार ने इस मुद्दे पर अपने स्वर से बोल दिया कि देश का नाम बदलने का अधिकार किसी को नहीं होता है और इसके लिए सरकार को सावधानी से सोचना चाहिए।

जी20 सम्मेलन के डिनर का कार्यक्रम दुनिया भर के राष्ट्रपतियों और कई राष्ट्राध्यक्षों को एक साथ लेकर आने वाला है, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी शामिल होंगे। इस महत्वपूर्ण सम्मेलन के इनविटेशन में हुई त्रुटि ने इसे और भी आकर्षक बना दिया है और इसका मुद्दा अब सार्वजनिक रूप से चर्चा का विषय बन गया है।