स्वतंत्रता के बाद, भारतीय कृषि तकनीक में सुधार होता जा रहा है, जिससे उत्पादकता और मुनाफा बढ़ाने का प्रयास हो रहा है। इसी उद्देश्य से खेती में नवीनतम तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है, जैसे कि ‘जीरो टिलेज तकनीक’। यह तकनीक खेत की तैयारी और बुवाई की परंपरागत विधियों के विपरीत है, जिससे बुवाई के समय में 15-20 दिनों की बचत होती है। बुवाई की देरी से अच्छी लागत के बावजूद, उत्पादकता में कमी आती है।

‘जीरो टिलेज’ के जरिए खेती में लागत को कम करने के साथ ही उत्पादकता में भी वृद्धि होती है। यह तकनीक उत्पादकता को बढ़ावा देती है और खेती की तैयारी की लागत को भी कम करती है।

देरी से बुवाई के कारण फसल कटनी के साथ तापमान ज्यादा होता है, जिससे उत्पादकता में कमी आती है। ‘जीरो टिलेज तकनीक’ में खेत की तैयारी और बुवाई की परंपरागत विधियों से हटकर, खेत में ज्यादा उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सकता है।

इस तकनीक में खेत की तैयारी और बुवाई की परंपरागत विधियों को बदलकर, खेती के लागत को कम किया जा सकता है, जो उत्पादकता में भी बढ़ोतरी लाने में सहायक हो सकती है।